
महिला क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए नियम में कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं। इसमें छोटी-हल्की गेंद का प्रयोग और छोटी पिच जैसी बातें शामिल हैं। पिछले दिनों आईसीसी ने वेबिनार आयोजित किया था। इसमें न्यूजीलैंड की कप्तान सोफिया डिवाइन और भारत की जेमिमा रोड्रिग्ज ने इस तरह के सुझाव दिए थे। पिच को 22 यार्ड की जगह 20 यार्ड किया जा सकता है। ऐसे ही प्रस्ताव पर अन्य बड़ी क्रिकेटरों ने राय
दी है। उनकी बात के मुख्य अंश:
क्या पिच को छोटा करने से महिला क्रिकेट को फैंस के लिहाज से और रोमांचक बनाया जा सकता है?
- स्मृति मंधाना (भारतीय बल्लेबाज) : महिला और पुरुष क्रिकेट की बात की जाए तो दाेनों में सिर्फ पिच की साइज बराबर है। महिला क्रिकेट में गेंद का भार 140-151 ग्राम जबकि पुरुष में 155.9-163 ग्राम होता है। पिच काे छोटा करना फैंस के लिहाज से अच्छा हो सकता है। वर्तमान में महिला क्रिकेट में गेंदबाजों की अधिकतम स्पीड 120-125 किमी प्रति घंटा है। यदि पिच छोटी होती है तो स्पीड 130-135 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। तेज गेंदबाजी हमेशा देखने लायक होती है।
- रेचल हेंस (ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज): गेंदबाजों को मदद मिलेगी। लेकिन इसके लिए खेल के अन्य दृष्टिकोण देखने होंगे। जैसे विकेट का नेचर- अच्छी घास, क्रैक्स, घास नहीं। इसके अलावा लोकल कंडीशन देखनी होगी।
- ली ताहुहु (न्यूजीलैंड की तेज गेंदबाज): मेरे हिसाब से यह ठीक नहीं है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि गेंद बल्लेबाजों के पास तेजी से जाए। हालांकि इससे गेंद और बल्ले के बीच अच्छी लड़ाई देखने को मिल सकती है।
- निदा डार (पाकिस्तान की ऑफ स्पिनर): मेरे हिसाब से पिच की लंबाई ठीक है। इससे बल्लेबाजों को फायदा मिलेगा। वे क्रीज की डेप्थ का अधिक उपयोग करेंगे क्योंकि मैदान का आकार छोटा होता है।
- केटी क्राॅस (इंग्लैंड की तेज गेंदबाज): ऐसे बदलाव की जरूरत नहीं है। हमें अच्छे स्टेडियम, बड़े मैदान और भरे हुए स्टेडियम में मैच कराने की जरूरत है। ग्राउंड स्टाफ के लिए इस तरह का काम मुश्किल होगा।
छोटी गेंद अच्छे से पकड़ में आएगी, ऐसे में स्पिनरों को मदद मिलेगी
- मंधाना: कई खिलाड़ियों की हथेली छोटी होती है। पूनम की हथेली और छोटी है। कैच लेने में दिक्कत होती है। इसे लागू किया जा सकता है।
- हेंस: अच्छे स्पिनर के हाथ गेंद पर सेट हैंं। लेकिन यदि आप ऐसी पिच पर खेलते हैं जहां स्पिन को कम मदद मिलती है। ऐसे में इसे आजमा सकते हैं।
- ताहुहु: गेंद छोटी करना मेरी समझ से परे है। छोटी गेंद होने से स्पिनर इसे अच्छे से पकड़ सकेंगे, जिससे उन्हें स्पिन कराने में मदद मिलेगी।
- डार: हल्की गेंद से स्पिनर अधिक ड्रिफ्ट करेंगी। स्पिनर और प्रभावी होंगी, छक्का मारना आसान नहीं होगा। बदलाव गेंदबाजों के पक्ष में रहेगा।
- केटी: यह एक अच्छा उपाय है। महिलाओं के हाथ का आकार पुरुषों की अपेक्षा कम होता है। साइज से ज्यादा प्रभाव भार में बदलाव का होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hYkXsc
via IFTTT
No comments:
Post a Comment