
फोटोदंतेवाड़ा से करीब 50 किमी दूर धुर नक्सल प्रभावित पखनाचुआ गांव की है। नई पंचायत बनने के बाद भीग्रामीणों को पीने के पानी के लिए संघर्षकरनापड़ रहाहै। फोटो में देश का कलपानी के लिए जद्दोजहद करता नजर आ रहा है।करीब 800 आबादी व 4 मोहल्लों वाली इस पंचायत के ज्यादातर ग्रामीण दो चुआ (झिरिया की तरह गड्ढा) पर निर्भर हैं। पेयजल के लिए आधा से ज्यादा गांव यहीं जुटता है।
रोजाना पांच हजार खर्च कर हरियाणा से मंगाना पड़ता हैटैंकर

फोटो चूरू जिले के लसेड़ी गांव की है। यहां पानी की इतनी किल्लत है कि स्थानीय लोगों को हरियाणा सेटैंकर मंगाना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया है पर उनके जूं तक नहीं रेंगी। त्रस्त होकर मंगलवार कोमहिलाओं ने अनोखे तरीकेसे विरोध किया। उन्होंने थाली बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया।
एक्सीलेंस स्कूल में फुटबाल खेलने उतरे खिलाड़ी

फोटो दमोह केएक्सीलेंस स्कूल की है। मंगलवार को यहां कुछ खिलाड़ी फुटबाॅल खेलते नजर आए।बीते ढाई माह से बंद चल रहीखेल गतिविधियां अब अनलॉकहोने लगी हैं। लॉकडाउन में घरों में कैद रहने के बाद अब खिलाड़ियों की चहल-पहल खेल ग्राउंड पर नजर आने लगी है। शहर के मैदानोंव स्टेशन परिसर में अब खिलाड़ी सुबह-शाम खेलते देखे जा सकते हैं।
मंगल दिन: गाइडलाइन के पालन के साथ की आरती

फोटोचंडीगढ़ के सेक्टर-40 स्थितहनुमंत धाम मंदिर की है। यहांमंगलवार काे शाम की आरती में लगभग16 लाेगाें ने हिस्सा लिया। भक्तों को 80 दिन बाद आरती में शामिल हाेने का माैका मिला। मंदिर में 6 फुट की दूरी पर लगे गाेलाें में ही खड़े होकर सभी नेपूजा की गई। इस दौरान सभी ने मास्क पहन रखा था।
लोगों ने थालियां, पीपेबजाकर टिडि्डयों को भगाया

फोटो राजस्थान के बीकानेर की है। मंगलवार शाम को शहर के कई इलाकों में टिडि्डयाें के झुंड पहुंचे। बीकानेर जिला कलेक्टर कार्यालय को भी टिडि्डयों ने घेर लिया।करीब आधे घंटे तक टिडि्डयों के झुंड शहर में जगह-जगह मंडराते रहे। कई जगहों परटिडि्डयों के झुंड ने हरियाली को चट कर दिया। शहर मेंलोगों ने थालियां,पीपे बजाकर और पटाखे छोड़कर टिडि्डयों को उड़ाने का प्रयास किया।
वायरस का खौफ नहीं, लगी लंबी-लंबी लाइनें

फोटो महाकाल की नगरी उज्जैन की है। इसमेंदेखकर नहीं लगता कि यहां लोगों में कोरोनावायरस का कोई खौफ है। मंगलवार को जब यहां शराब की दुकानें खुलीं तो ठेकों के बाहर एक-एक किमी लंबी लाइनें लग गईं। कई जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति पर पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी।
जन्मते ही मां के दूध से भी पहले मास्क

फोटो राजस्थान केजाेधपुर की है | यह काेराेना महामारी से बदली जिंदगी की तस्वीर है। काेराेनाकाल में जन्मे बच्चे काे मां के दूध से भी पहले मास्क पहनाया गया। वर्षा जाेशी ने उम्मेद हाॅस्पिटल में 4 जून काे मासूम काे जन्म दिया। संक्रमण के खतरे से बच्चे काे बचाने के लिए परिजनाें ने सबसे पहले उसे मास्क पहनाया।
अगली सुबह हम फिर कार्यारंभ करेंगे

फाेटो बक्सर के संगमेश्वर गंगा घाट की है। ढलती शाम कायह मनोरम दृश्य दिखाता है कि ढलता सूर्य अगले दिन फिर रोशनी देने का वादा करता है। अभी कोरोना महामारी के कारण लोगों में नकारात्मकता बढ़ रही है। इसलिए यह तस्वीर कहती है शाम जिंदगी का केवल एक अल्पविराम(कौमा) मात्र है, उम्मीद का सूरज नये सवेरे के लिए प्रोत्साहित करता है।
78 दिन बाद शहर में आया पहला कोरोनापॉजिटिव

फोटो बाड़मेर केबालोतराकी है। कोरोना के कहर से अछूते बालोतरा शहर में 78 दिन बाद पहला पॉजिटिव मरीज सामने आया है। मंगलवार सुबह रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया। इसके बाद वार्ड संख्या28 की गली को सील कर जीरो मोबिलिटी घोषित कर दिया गया।
जंगल के राजा को पेड़ का सहारा

फोटो जूनागढ़के देवलिया सफारी पार्क की है। यहां मंगलवार को जमकर बारिश हुई। बारिश तेज होने के कारणजंगल केराजा को भी बचने के लिए इंसानों की तरह ही पेड़ों की शरण में जाना पड़ा। उल्लेखनीय है कि सौराष्ट्र सहित गुजरात में इन दिनों अच्छी बारिश हो रही है।
जंगल से सुखद खबर

फोटोउमरिया केबांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की है। मंगलवार कोयहांपतौर कोर व मानपुर बफर में दो बाघिन अपने तीन-तीन शावकों के साथ दिखीं। पतौर की बाघिन टी-54 दूसरी बार मां बनी है। मानपुर में भी एक नई बाघिन ने पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया है। सभी बाघ शावकों की उम्र लगभग 3 से 5 माह है।
कोशिश तो भरपूर पर मास्क नहीं बना

फोटो राजस्थान केधौलपुर की है। लोगों को मास्क लगा देख जानवर भी सोच में पड़े हुए हैं कि यह बदलाव क्यों है। कुछ यही सोच कर मंगलवार को राना भवन के पास एक बंदर पास खड़े कुछ लोगों की नकल करने लगा। बंदर ने लोगों के मुंह में मास्क लगा देख पास ही घर से एक कपड़ा उठा लाया और उसे मास्क की तरह अपने मुंह पर लगाने लगा।बार-बार प्रयास के बाद भी कपड़ा गिर जाता। अंत में बंदर ने उस कपड़े को मुंह पर रखकर ढक लिया।
बारिश में पीडियाकोट के ग्रामीणों की बढ़ेगी मुसीबत

फोटोदंतेवाड़ा केइंद्रावती नदी पार नारायणपुर जिले के धुर नक्सलगढ़ गांव पीडियाकोट जाने वाले रास्ते की है। यहां के 300 से ज्यादा ग्रामीण राशन लेने 30 किमी पैदल दंतेवाड़ा जिले की तुमनार सरकारी दुकान आते हैं। अभी जून का राशन लेकर जा रहे हैं।लेकिन आगे बारिश में इनकी परेशानी ज्यादा बढ़ेगी। अभी तो सिर्फ पैदल चलने की चुनौती है पर बारिश में सबसे बड़ी चुनौती इंद्रावती नदी पार करना होगा।
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