बुधवार को गुड़गांव जिला न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे एक युवा वकील ने जहरीला पदार्थ खाकर अदालत परिसर स्थित अपने चैंबर में आत्महत्या कर ली। वकील ने आत्महत्या करने से पूर्व हिंदी भाषा में एक सुसाइड नोट भी लिख छोड़ा है, जिसमें उसने सोहना क्षेत्र के एक व्यक्ति पर प्लाट पर कब्जा करने को लेकर प्रताडि़त करने के आरोप लगाए हैं। अदालत परिसर में उमेश कुमार वर्मा का चैंबर नंबर 256 है।
हालांकि जिला अदालतों में कार्य बाधित है, लेकिन आवश्यक कार्यों से अधिवक्ताओं का अपने चैंबरों में आना-जाना रहता है। जमीनी विवाद के चलते उमेश के खिलाफ अदालत में मुकदमा दर्ज कराया हुआ था। गुड़गांव जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज का कहना है कि उन्हें पता चला है कि अधिवक्ता पर जांच अधिकारी दबाव बना रहे थे, जिसके चलते अधिवक्ता को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
जब अधिवक्ता की हालत गंभीर हुई तो उन्हें उपचार के लिए सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित पुष्पांजलि अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया बताया जाता है। मृतक के परिवार में पत्नी व 2 बच्चे हैं और वे रवि नगर में रहते हैं। गुडग़ांव जिला बार ने चेतावनी दी है कि मृतक के सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाए।
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