शहर के पालम विहार के एक निजी अस्पताल पर कोरोना के इलाज के लिए कयदा पैसे वसूलने का आरोप है पीड़ित पक्ष की और से डीसी को ट्वीट कर मामले की शिकायत की गई है। अस्पताल प्रबंधन तीन लाख रुपए जमा करने के बाद भी और पैसे की डिमांड कर रहा है। पैसे जमा नहीं हो पाने के कारण पेशेंट को नागरिक अस्पताल के लिए रेफर तक नहीं किया गया है।
मूलरूप से मथुरा निवासी शिकायतकर्ता गार्गी सिंह ने बताया कि उसके दादा(88) को बीते 12 जून को दिल का दौरा पड़ा था। दौरा पड़ने के कारण बस स्टैण्ड के पास एक निजी अस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहाँ से उन्हें पालम विहार के एक निजी अस्पताल में रेफ़र किया गया। यहाँ भर्ती करते समय अस्पताल की ओर से मौक़े पर ही एक लाख रुपए जमा करवा लिए।
आरोप है कि उन्हें किसी भी प्रकार का इलाज नहीं दिया गया केवल आईसीयू में भर्ती रखा गया। भर्ती करते समय उनकी कोरोना जाँच भी की गई। दो दिन बाद कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट मिली। यहाँ पाँच दिन इलाज चला जिसके लिए अस्पताल की ओर से ढाई लाख का बिल बनाया गया। इस तरह अभी तक साढ़े तीन लाख रुपये जमा कर चुके है। पैसे जमा करने के बाद अभी अस्पताल की ओर से पैसे की माँग की जा रही है। रोज़ाना अस्पताल की ओर से फ़ोन आता है। पैसे न होने के कारण हमने उन्हें डिस्चार्ज करके सिविल अस्पताल में लाने के लिए बोला फिर भी डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है।
इस मामले में बोलते हुए सिविल सर्जन वीरेंद्र यादव ने कहा कि इस प्रकार की कोई लिखित शिकायत अभी तक नहीं मिली है। शिकायत मिलने के बाद मामले पर संज्ञान लिए जायेगा। साथ ही ज़िला प्रशासन की ओर से जल्द ही कोविड के इलाज के लिए प्राइज़केपिंग की जाएगी। प्रशासन की ओर से तय रेट से ज़्यादा की वसूली निजी अस्पताल नहीं कर सकेंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Cts6AK
via IFTTT
No comments:
Post a Comment