
गुड़गांव में कोरोना वायरस के पेशेंट की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिल्ली से लगते डीएलएफ, डूंडाहेड़ा, सिरहोल व पालम विहार क्षेत्र में तेजी से कोरोना वायरस के पेशेंट की संख्या बढ़ी है। मई महीने के 31 दिन में जहां 717 केस मिले थे, वहीं जून महीने के पिछले पांच दिन में ही 789 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। ऐसे में पांच दिन में ही गुड़गांव दोगुने केस हो गए हैं।
जबकि रिकवर होने वाले पेशेंट की संख्या मात्र 292 है। ऐसे में रिकवर रेट में लगातार कमी आई है। लेकिन राहत की बात है कि गुड़गांव में कोरोना से मरने वाले पेशेंट का रेश्यो घटकर 0.33 फीसदी हो गया है। अब तक गुड़गांव में मात्र 4 पेशेंट की ही कोरोना से मौत हुई है। गुड़गांव में कोरोना वायरस के लिए तीन अस्पताल अस्पताल चिह्नित किए गए हैं, जिनमें ईएसआईसी अस्पताल सेक्टर-9, एसजीटी मेडिकल कॉलेज व मेड्योर अस्पताल मानेसर शामिल हैं, जिनमें शुक्रवार को कुल 182 पेशेंट ही एडमिट हैं। जिनमें से ईएसआईसी अस्पताल में 53, मेड्योर में 63 व एसजीटी मेडिकल कॉलेज में मात्र 12 पेशेंट एडमिट किए गए हैं।
जबकि गंभीर पेशेंट के लिए केवल मेड्योर अस्पताल व अन्य प्राइवेट अस्पताल जिनमें मेदांता, आर्टिमिस व फोर्टिस सहित छह अस्पताल तैयार करवाए गए हैं। लेकिन अब केवल गंभीर पेशेंट को ही एडमिट किया जा रहा है, जबकि सामान्य पेशेंट को होम आइसोलेट किया जा रहा है। गुड़गांव में अब तक एक हजार से अधिक पेशेंट को होम आइसोलेट किया जा चुका है।
सैंपलिंग कम होन से देरी से मिल रहे संक्रमित
30 अप्रैल तक जिले में जब संक्रमित मरीजों की संख्या 57 थी, तब भी विभाग प्रतिदिन औसतन 250-300 लोगों के लिए नमूने एकत्रित कर जांच के लिए भेज रहा था। अब जब संक्रमितों की संख्या 1500 को भी पार कर गई है, तब भी विभाग प्रतिदिन औसतन 300 नमूने ही ले रहा है। सैंपलिंग के दायरे में बढ़ोतरी न होने से संक्रमितों की पहचान करने में भी समय लग रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि विभाग सैंपलिंग का दायरा बढ़ाता है तो संक्रमित मरीजों की जल्द पहचान हो सकेगी। बढ़ते मामलों को देखकर लोगों की राय है कि विभाग को सार्वजनिक स्थानों पर सैंपल लेने की व्यवस्था करनी चाहिए।
निजी लैब कम ले रहे नमूने
संदिग्धों के नमूनों की जांच करने में निजी लैब इन दिनों सरकारी लैब से भी पिछड़ गए हैं। छह निजी लैब कोरोना संदिग्धों के नमूनों की जांच के लिए अधिकृत होने के बाद भी वह सरकारी लैब जितने नमूनों की जांच नहीं कर पा रहे हैं। बीते पांच दिनों में एक ओर जहां सरकारी लैब ने 877 नमूने एकत्रित किए हैं, वहीं निजी लैब में 693 नमूने ही लिए गए हैँ। ऐसे में सरकारी लैब पर नमूनों की जांच का दबाव कम करने के उद्देश्य से जो इन निजी लैब को जांच के लिए अधिकृत किया गया था, वो उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
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