सोमवार को एक प्रवासी परिवार प्रशासन की बेरुखी के कारण भूख हड़ताल पर बैठ गया। परिवार को उनके प्रदेश नहीं भेजे जाने की नाराजगी है। यही नहीं इस परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे मेहनत कर दो जून का खाना जुटाते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण वे दो महीने से दूसरों के हाथों से दी गई खिचड़ी पर जिंदा हैं। लेकिन अब वे खिचड़ी नहीं खा पा रहे हैं। इस परिवार में एक आठ वर्षीय बच्चा समेत आठ लोग शामिल हैं।
सोमवार को बेगमपुर खटोला के कम्युनिटी सेंटर में ही भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। गुड़गांव के बेगमपुर खटोला में रह रहा एक परिवार जो पहले आरसीसी टाइल लगाकर मजदूरी कर गुजारा करता था। अब लॉकडाउन किए जाने के बाद दो महीने होने को हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी सुध नहीं ली गई है।
लगातार प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है, लेकिन वे लगातार इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सोमवार को भूख हड़ताल पर बैठ गए। परिवार के मुखिया गुलाब का कहना है कि वे आरसीसी के रास्तों पर लगने वाले टाइल्स लगाते थे। मूलरूप से उत्तरप्रदेश के महोबा जिला के रहने वाले हैं। लॉकडाउन से पहले जनता कर्फ्यू के दिन उन्हें खटोला कम्युनिटी सेंटर में छोड़ दिया गया था। लेकिन इसके बाद प्रशासन की ओर से सुध नहीं ली गई।
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