
मजदूरों के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने के सरकारी दावे की पोल उस समय खुल गई जब दिल्ली-यूपी बाॅर्डर गाजीपुर में शुक्रवार को बड़ी संख्या में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के मजदूर ही नहीं, ट्रेन से दिल्ली पहुंचने वाले यात्री भी जमा हो गए। यही नहीं, राज्य सरकारों के बीच भी बदतर तालमेल खुलकर समाने आ गया। मुंबई, छत्तीगढ़, सूरत, कोटा से नई दिल्ली तक यूपी के अलग-अलग जिलों के यात्री पहुंचे थे। यहां से यूपी सरकार ने अपने राज्य के यात्रियों को ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं की।
डीटीसी की बस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अलग-अलग जगह के लिए छोड़ रही है। आनंद विहार, गाजीपुर पर जमा तमाम यात्रियों ने कहा कि डीटीसी बस दो बार बदलकर सूरजमल विहार, गाजीपुर छोड़ा दिया। वहां से बोले- आनंद विहार या गाजियाबाद बॉर्डर चले जाओ, आगे की सवारी मिल जाएगी। फिर पैदल चलकर पहुंचे हैं। दिल्ली में सुबह 5 बजे से 10:25 बजे तक 9 ट्रेन अलग-अलग जगह से आई।
गाजीपुर बाॅर्डर पर दिल्ली पुलिस व यूपी पुलिस के अफसर परेशान दिखे
गाजीपुर बाॅर्डर पर दिल्ली पुलिस व यूपी पुलिस के अधिकारी भी परेशान दिखे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरी दिल्ली घूमकर यहां तक पहुंचने देते हैं। यहां गाजीपुर थाना पुलिस और गाजियाबाद की वैशाली के पुलिस कर्मी परेशान होते हैं। भास्कर ने उस पुलिस अधिकारी से पूछा कि यहां से गाड़ी का इंतजाम कैसे होता है? इस पर पुलिस कर्मी ने कहा भीड़ देखकर कई बार खाली गाड़ी में बैठाकर आगे भेज देते हैं, इसे आपस में जुड़े ये लोग फैला देते हैं।
डीटीसी ने किसी से नहीं कहा- यूपी बॉर्डर पर बस मिलेगी
डीटीसी सर्विस से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हर्ष विहार, गाजीपुर, सूरजमल विहार तो हरियाणा बॉर्डर पर कापसहेड़ा सहित अम्बेडकर टर्मिनल, महरौली, नरेला भी शामिल हैं। किराया भुगतान करके जो जहां जाना चाहे जा सकता है। यूपी के इंतजाम पर नहीं बोल सकते।
पैदल चलने वालों को रास्ते में किसी ने नहीं रोका, परेशान रहे
गाजीपुर बॉर्डर पर जहां दिल्ली के ख्याला, वसंत विहार, नरेला, करोल बाग, सुभाष नगर से पैदल चलकर मजदूर यूपी जाने के लिए पहुंचे। सुभाष नगर में निर्माण मजदूर का काम करने वाला एक ग्रुप बॉर्डर पर मिला जो बिहार के समस्तीपुर जाना चाहते थे। इसमें लोकेश ने बताया कि अब स्कूलों में खाना भी नहीं मिल रहा है। रामधारी पंडित ने कहा कि ऑनलाइन टिकट मिलता है जो तुरंत बुक हो जाता है। रजिस्ट्रेशन की कोशिश कई दिन से कर रहे थे लेकिन नहीं हुआ। इसलिए निकल पड़े हैं कि पैदल चलेंगे और जहां सवारी मिल गई तो उससे आगे निकलेंगे। सोचा था यूपी में घुसकर कुछ साधन मिलेगा।
हमें पता था कि यूपी रोडवेज की बस मिलेगी, लेकिन व्यवस्था नहीं
- यूपी के मथुरा जिला में नंदकोरी जाने के लिए छत्तीसगढ़ से नई दिल्ली तक श्रवण कुमार ट्रेन से पहुंचे। बताया कि वहां से आनंद विहार तक ले जाने की बात कही गई लेकिन बस ने 5 किमी पहले उतारकर कहा- इससे आगे बस नहीं जाएगी। हमें ये पता था कि यूपी बॉर्डर से बस मिल जाएगी या टैक्सी करके चले जाएंगे।
- मुंबई में ऑटो रिक्शा चलाने वाले नौशाद अहमद तीन छोटे बच्चे व पत्नी के साथ ट्रेन से नई दिल्ली पहुंचे। नौशाद ने बताया वहां तक दिक्कत नहीं हुई। लेकिन पहली बस शिवाजी स्टेडियम, दूसरी बार ने सूरजमल विहार लाकर छोड़ दिया।
- जाहिद अली राजस्थान के कोटा से ट्रेन में नई दिल्ली आए। वो कहते हैं कि पहले बस में घूमते रहे। रास्ते में बस बदली। आनंद विहार से काफी पहले उतार दिया कि वहां बस मिलेगी गाजियाबाद बॉर्डर पर चले जाओ। यूपी के संबल जिला जाना है।
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