गर्मी में इजाफा होने के साथ पानी की किल्लत भी सामने आने लगी है। पानी के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसा नजारा दिल्ली में जगह-जगह नजर भी आने लगा है। बुधवार सुबह नजफगढ़ के मंडेला कलां गांव में लोग बर्तन लेकर पानी के लिए इंतजार करते खड़े रहे। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) का टैंकर आया तो भीड़ जुट गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में पानी की पाइप लाइन बिछी है, लेकिन कुछ इलाकों में पानी ही नहीं आता।
यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। नीचे के इलाके में पानी आता है, लेकिन रात में सप्लाई होने से उसे भरने के लिए जागना पड़ता है। उसका भी समय तय नहीं है। पाइप लाइन से पानी आने का कोई नियम नहीं है। खास बात तो यह है कि ऊपरी इलाके में पानी चढ़ता ही नहीं है। यह हालत दिल्ली के द्वारका, नार्थ वेस्ट, पूर्वी दिल्ली, साउथ दिल्ली समेत कई इलाकों में बने हुए है।
इन इलाकों में पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं लोग
मंडेला कलां गांव के अलावा त्रिलोकपुरी के चिल्ला गांव में भी लोग टैंकर पर निर्भर है। यहां पर लंबी लंबी लाइन में पानी भरने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। वहीं, पाइप लाइन से सप्लाई होने वाली पानी में कम दबाव और ऊपरी इलाकों में पानी नहीं आने की समस्या गमी में बढ़ जाती है। राजधानी में पानी की मांग प्रतिदिन 1100 एमजीडी तक पहुंच जाती है, जबकि दिल्ली के पास अभी प्रतिदिन 925 एमजीडी पानी की उपलब्ध है। ऐसे में अनधिकृत कॉलोनी समेत कई इलाकों में पानी की मांग तेजी से बढ़ जाती है।
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“यहां पर 8 महीने पहले ही पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन पानी नहीं आता। टैंकर भी पर्याप्त संख्या में नहीं आने से कई लोगों को पानी नहीं मिल पाता। इस संबंध में शिकायत करने के बावजूद जल बोर्ड के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है।” आनंद कुमार, निवासी, मंडेला कलां गांव।
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