
दिल्ली पुलिस में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है। कुल 115 पुलिस के जवान इस गंभीर बीमारी की जद में आ चुके हैं। इनमें बीस पुलिसकर्मी ठीक भी हो चुके हैं। कुछ रोज पहले कांस्टेबल अमित राणा की कोरोना से हुई मौत के बाद महकमे के जवान डर के साये में नौकरी कर रहे हैं। उन्हें कोरोना वायरस अदृश्य शक्ति लग रही है जो किसी को भी चपेट में लेने से पीछे नहीं हट रही। दिल्ली के जिन अस्पतालों में कोरोना का इलाज किया जा रहा है, उन सभी अस्पताल के एसएचओ को एक नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है। उन्हें हिदायत दी गई है कि अगर कोई पुलिसकर्मी को इलाज की जरूरत हो तो तत्काल उसका उपचार कराने में मदद करें।
सभी पुलिसकर्मियों को हॉस्पिटल के नाम, हेल्पलाइन नंबर और थानाध्यक्षों के नाम बता दिए गए हैं। यही नहीं दिल्ली पुलिस के कोरोना से जंग के लिए एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया है, जिस पर नजर या कहें मॉनिटरिंग एक डीसीपी स्तर के पुलिस अफसर करेगें।
मास्क, सेनिटाइजर, ग्लव्स के साथ दी गई फेस शील्ड
पुलिस के जवानों ने कहा उन्हें इस बीमारी से बचने के लिए मास्क, सेनिटाइजर, हाथों में दस्तानें और चेहरे को कवर करने के लिए एक एक फेसशील्ड दी गई है। जवानों की आंतरिक शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए उन्हें विटामिन सी की गोलियां, मुल्तानी काढ़ा, च्यवनप्राश, आयुवेर्दिक गोलियां भी दी जा रही हैं। इसके अलावा पीकेट और कनटेंनमेंट जोन के इर्दगिर्द ड्यूटी करने वाले जवानों के लिए चाय, नाश्ता और पानी के भी प्रर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं।
हालांकि, कुछ जवानों ने यह भी कहा कि जो मास्क उन्हें मिल रहे हैं, वे बढिया क्वालिटी के नहीं है। कुछ पुलिस कर्मियों ने यह भी कहा पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने आदेश दिया था कि पचास साल की उम्र के जवानों को दस दिन के लिए होम क्वारेंटाइन किया जाए, लेकिन उनके इस निर्देश का ग्राउंड पर पालन नहीं किया जा रहा है।
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