
(धर्मेंद्र डागर)कोविड-19 के मरीजों के इलाज के समय पहनी जाने वाली पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट से खुद स्वास्थ्यकर्मी जान से हाथ धोने लगे है। इसकी वजह से कही डॉक्टर बेहोश हो रहे है तो कही नर्स डि-हाइड्रेटट की शिकार हो रही है। ताजा मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदूराव अस्पताल का है। जहां मंगलवार देर शाम एक वार्ड बॉय की डयूटी के समय हार्ट बीट बढ़ गई और वह फीवर क्लीनिक के सामने ही गिर गया। उस समय वार्ड बॉय ने पीपीई पहनी हुई थी। सूत्रों का कहना है कि वार्ड बॉय फीवर क्लीनिक से एक मरीज को वार्ड नंबर तीन में छोड़ने गया था। जब वह वापिस आया तो पीपीई किट की वजह से हार्ट बीट बढ़ने से हांफने लगा और फीवर क्लीनिक के पास ही गिर गया। तुरंत ही उसे एमरजेंसी में भर्ती कराया, जहां एक घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक मृतक खडक सिंह (40) हिंदूराव अस्पताल में बतौर वार्ड बॉय के रुप में काम करता था। परिवार में पत्नी व दो छोटी बेटियां है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल से दी जाने वाली पीपीई किट क्वालिटी अच्छी नहीं होने के चलते उन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
पीपीई किट दो बार यूज कराने के आरोप, नर्स की माैत
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्स अंबिका पीके (46) की मौत वायरस से संक्रमण के कारण हुई । वह कालरा अस्पताल में कार्यरत थीं। उनका इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने 24 मई को दम तोड़ दिया था।
सीने में दर्द होने से हुई मौत-पीआरओ एनडीएमसी
- एक 40 वर्षीय वार्ड बॉय डयूटी पर रहते हुए उसकी मौत हो गई है। मंगलवार देर शाम 7.40 से 7.50 बजे के बीच उसके सीने में दर्द की शिकायत हुई और वह फीवर क्लीनिक के सामने ही गिर गया और हांफ रहा था। तुरंत ही उसे एमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां करीब 8.30 बजे उसकी मौत हो गई। बुधवार को उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। -इरा सिंगला, नार्थ एमसीडी सूचना एवं जन संपर्क विभाग की निदेशक
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