(नीरज आर्या)दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दावा किया गया था कि काेरोना बीमारी से लड़ने के लिए सरकार ने प्रर्याप्त इंतजाम किए हैं। कनटेंनमेंट जोन में रहने वाले लोगाें को घर से बाहर निकलने की जरूरत नहीं, उन्हें सब कुछ होम डिलीवरी के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन ये सब बातें केवल जमीनी हकीकत से काफी दूर हैं। खासकर वे लोग बड़े परेशान हैं जिनके घर कनटेंनमेंट जोन के अंदर आते हैं। उन्हें जरूरत का सामान तक नहीं मिल पा रहा है।
यह बात अलग है कि जो लोग काेरोना संक्रमित हैं, उनका हालचाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की होम आइसोलेशन टीम फोन कर रोजना हालचाल जान रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान फिर भी नहीं हो पा रहा। सदर इलाके में रहने वाले एक परिवार में पिता पुत्र करीब सप्ताह भर से कोरोना पॉजिटिव हो रखे हैं, इतना समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक उनके घर के अन्य सदस्यों की कोई डॉक्टरी जांच भी नहीं करायी गई। इस परिवार ने सरकार की ओर से किए जा रहे सारे इंतजामों की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने सिल सिलेवार ढंग से सामने आ रहे परेशानियों का वर्णन किया।
झंडेवालान रोड सदर एरिया में अंकित बंसल (34) परिवार के साथ रहते हैं। उनका पीवीसी शीट्स का बिजनेस है। बुखार की शिकायत होने पर अंकित ने पिता को गंगा राम अस्पताल में दिखाया। जिनका काेरोना का टेस्ट होने पर 14 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद अंकित की भी तबीयत बिगड़ गई, कोरोना टेस्ट कराने पर उसकी रिपोर्ट भी 16 मई को पॉजिटिव आई।
अंकित की पत्नी जूही ने बताया गंगा राम अस्पताल ने इलाज और भर्ती करने से पहले पांच लाख रुपए का इंतजाम कर लेने के लिए कहा। जिसके लिए वे राजी नहीं हुए और घर आकर होम आइसोलेट हो गए। घर की पहली मंजिल पर पिता पुत्र रह रहे हैं, जबकि दूसरी मंजिल पर जूही, उनका ढाई साल का बेटा और सास रहती है। जूही ने बताया अभी तक उनके घर के किसी भी सदस्य को डॉक्टर ने आकर चैक नहीं किया और ना ही घर ही सेनेटाइज किया गया। घर से बाहर निकल नहीं सकते, जिस वजह से रोजमर्रा के जरूरत का सामान की भी बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
उन्होंने सरकार से मांग की बेशक होम डिलीवरी के लिए कोई चार्ज ले लिया जाए, लेकिन उन्हें कम से कम सुविधाएं ताे मिलें। जूही ने बताया उनके पति और ससुर घर में ही हैं। रोजना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यहां से दोनों मरीजों का हालचाल जानने के लिए फोन तो किया जाता है, लेकिन हमारी परेशानियों का समाधान नहीं हो पा रहा है। तमाम जगह पर फोन करने के बाद आंगनवाड़ी की एक महिला ने आकर जानकारी दी कि जिन लोगों को अपनी जांच करवानी है वे अपना नाम लिखवा दें, पंजाबी अकादमी में जब जांच शिविर लगेगा तो उन्हें बुलाया जाएगा।
जूही ने बताया आज ही एसडीएम ऑफिस की ओर से नगर निगम को कॉल कर घर सेनेटाइज करने के लिए कहा गया था, जहां से जवाब मिला कि उनके पास पीपीई किट नहीं है, इसलिए वे नहीं आ सकते।
अंकित ने बाकायदा वीडियो बनाकर सरकारी इंतजामों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा हमने प्रशासन से जरुरी सामान मुहैया करवाने वालों के नंबर मांगे, लेकिन वहां से हंगर हेल्पलाइन का नंबर मिला। वह नंबर भी नहीं मिल सका। किसी तरह से उन्होंने जानकार के माध्यम से डीएम ऑफिस से संपर्क कर शनिवार को कुछ जरुरी सामान मंगवाया, लेकिन उन्हें साफ कर दिया गया कि ये सुविधा बार बार नहीं मिलेगी।
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