
शुक्रवार को सूरत स्टेशन से यूपी-बिहार के लिए कुल 28 ट्रेनें चलाई गईं। हर ट्रेन में 1600-1600 यात्रियों को बैठाया गया। कुल 45 हजार यात्री अपने-अपने गृह राज्य को रवाना हुए। सूरत से श्रमिक जौनपुर, गोरखपुर, प्रतापगढ़, गोंडा, गया, पूर्णिया मोतिहारी के लिए रवाना हुईं। सभी यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ट्रेनों में बिठाया गया। 20 ट्रेन बिहार रवाना हुई जबकि 8 ट्रेन यूपी रवाना हुईं। शनिवार को सूरत से 9 ट्रेन बिहार जबकि 3 ट्रेन ओडिशा जाएगी। उत्तर प्रदेश की ट्रेनें खबर लिखे जाने तक लगभग रद्द हो चुकी थीं।
700 से ज्यादा बसों से स्टेशन लाए गए श्रमिक
शुक्रवार को 28 स्पेशल ट्रेनों के लिए 45 हजार श्रमिकों को अलग-अलग समय पर और जगहों से सिटी बसों की मदद से रेलवे स्टेशन लाया गया। स्टेशन पर सभी का स्क्रीनिंग करके उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा कर ट्रेनों में बैठाया गया। सूरत स्टेशन पर कुल 300 सुरक्षा जवानों की तैनाती रही जिसमें आरपीएफ आरपीएसएफ जीआरपी और सिटी पुलिस के जवान शामिल थे। उच्च रेल अधिकारियों की निगरानी में ट्रेनों को रवाना किया गया।
काउंटर से रिफंड अभी नहीं
सूरत रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार से दो पीआरएस विडो खोले गए। लॉकडाउन में पहली बार पीआरएस खुलने के बाद सूरत में पहले दिन 725 लोगों ने रिजर्वेशन कराया। इससे रेलवे को 498695 रुपए की आय हुई। सोशल डिस्टेंसिंग मार्किंग के तहत लोगों को कतार में खड़ा किया गया। काउंटर का समय प्रतिदिन सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक होगा। सभी लोगों को पर्याप्त दूरी बनाकर पंक्ति में खड़ा होना होगा और मास्क पहनना अनिवार्य है। इस समय केवल आरक्षित टिकट मिलेंगे, अभी टिकटों का रिफंड नहीं दिया जाएगा। रिफंड शुरू होने की सूचना अलग से दी जाएगी। काउंटर से रेलवे बोर्ड द्वारा घोषित ट्रेनों के टिकट मिलेंगे।
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