खंड के गांव ताजनगर में एक ही गैंग के दो गैंगस्टरों के बीच सोमवार को प्रॉपर्टी संबंधी रुपए के लेन-देने को लेकर तकरार हो गई। जमालपुर रोड पर बाबा मंशाराम आश्रम के नजदीक गैंग एक साथी ने दूसरे साथ पर ताबड़-तोड़ एक के बाद एक 6 फायर कर किए। इस गोलीबारी में एक की मौत हो गई जबकि दूसरे का हाथ घायल हो गया। हमलावर मौके से फरार हो गए। गैंगस्टरों का संबंध वर्ष 2011 में महेंद्र सरपंच हत्याकांड से भी रहा है। जो बाद में बरी हो गए थे।
पुलिस ने एक महिला सहित चार नामजद हमलावरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घटना की सूचना मिलने के बाद डीसीपी दीपक सहारण, एसीपी बीरसिंह, थाना प्रभारी सवित कुमार अपनी टीम के साथ पहुंचे।
क्या है मामला
पुलिस को रविंद्र उर्फ सरकार निवासी ताजनगर ने बताया कि वर्ष 2011 में वह और गांव की ही रहने वाला बिरेंद्र उर्फ कालू तथा उसका भाई बिजेंद्र उर्फ देविंद्र गांव के सरपंच महेंद्र यादव के मर्डर मामले में जेल चले गए थे। 2014 में तीनों बरी हो गए। मामले की पैरवी में करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए थे। जेल से छूटने पर बिजेंद्र के साथ पार्टनरशिप की। बिजेंद्र ने 50 लाख रुपए हजम कर लिए।
सोमवार को वह अपने दोस्त यशपाल पुत्र राजेंद्र यादव निवासी जोनियावास के साथ उसकी स्विफ्ट में सवार होकर अपने दोस्त सुभाष के पास जा रहे थे। गाड़ी यशपाल चला रहा था। सुबह करीब 10 बजे एक सफेद रंग की कार के चालक ने उनकी कार का रास्ता रोक लिया। गाड़ी बिरेंद्र चला रहा था। बिरेंद्र गाड़ी से नीचे उतरा और अपने हाथ में ली हुई रिवाल्वर से यशपाल पर तीन फायर किए, गोली लगते ही वह सीट पर गिर गया। उसके बाद बिरेंद्र उसकी ओर मारने की नीयत से दौड़ा और तीन फायर किए। वह अपनी गाड़ी लेकर जमालपुर साइड भाग निकला। निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
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