
(तोषी शर्मा)कोरोना वायरस महामारी के चलते देशभर में तीसरे फेज का लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में लोग अपने घरों में कैद हैं। दूसरी ओर जिन परिवारों के बच्चे दूसरे राज्यों में फंसे हैं वे सरकार पर दबाव बनाकर घर लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। ताकि उनके बच्चों को घर लाया जा सके। लेकिन कुछ कोरोना वॉरियर्स ऐसे हैं जो अपने कलेजे के टुकड़ों यानी बच्चों को अपने से दूर छोड़कर ड्यूटी कर रहे हैं। जिसमें वह अपने दुधमुंहे बच्चों के बजाय नौकरी को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे ही एक कोरोना वॉरियर्स दिल्ली एम्स में कार्यरत ओटी टेक्निशियन लीलावती शर्मा हैं। जो अपनी 16 माह की बेटी से करीब चार माह से मिली नहीं है।
ड्यूटी लगते ही बेटी को पिता के साथ कानपुर भेजा| लीलावती शर्मा ने बताया कि जैसे ही उसे जानकारी मिली कि उसे एम्स की कोविड-19 टीम में ड्यूटी लगाई गई है। उसके अगले दिन ही उसने अपनी 16 माह की बेटी को पिता के साथ कानपुर भेज दिया। ताकि वह कोरोना वायरस के संक्रमण से बच जाए। क्यों कि अगर वह दिल्ली में रहती तो घर पर ड्यूटी के बाद में उसके संपर्क में आती तो उसे संक्रमण फैलने का डर बना रहता।
ओटी टेक्निशियन ऑपरेशन थिएटर में होता है अहम रोल
ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन चिकित्सकीय तंत्र का हिस्सा है जो मुख्यतः ऑपरेशन थिएटर में काम करते हैं। कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रही लीलावती ने बताया कि ड्यूटी के बाद जब समय मिलता है तो वह पति को वीडियो कॉल कर बेटी के हाल-चाल पूछ लेती हैं। दिल्ली एम्स पैरामेडिकल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटी ने बताया कि उनकी टीम में कई स्टाफ हैं जो अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
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