
कोरोना महामारी के बीच कोविड19 की जांच सस्ती और जल्द करने के लिए एक चिप आधारित कम लागत वाली पोर्टेबल आरटी-पीसीआर मशीन जेएनयू के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने डिजाइन की है। इस मशीन के प्रोजेक्ट को लिए बायो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बिराक) ने मंजूरी दी है। इससे बड़ी संख्या में टेस्ट किए जा सकेंगे। वर्तमान में जिन पारंपरिक मशीनों से टेस्ट किया जा रहा है, वो रिजल्ट देने में 120-180 मिनट लेती हैं जबकि जेएनयू में विकसित की जानी वाली मशीन महज 50 मिनट में रिजल्ट देगी।
मशीन सस्ती और हैंडल करना भी आसान
जेएनयू के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के डॉ. जयदीप भट्टाचार्य की अगुवाई वाली टीम जो यह मशीन बना रही है। लेड व डायोड अाधारित वायरस का डिटेक्शन सिस्टम मशीन के अंदर ही फिट रहेगा। ये पोर्टेबल मशीन बैटरी से भी चलाई जा सकेगी। जेएनयू से इसका पेटेंट भी फाइल कर दिया है। पारंपरिक मशीन की कीमत करीब 10-15 लाख रुपए होती है और टाइम अधिक लेती है। ये मशीन महज 60 हजार रुपए से एक लाख रुपए में तैयार हो जाएगी। वाइस चांसलर प्रो. एम. जगदीश कुमार ने बताया कि प्रोटोटाइप 4 महीने में प्रदर्शित करने का लक्ष्य रखा है।
जेएनयू के अलावा कई जगह वैज्ञानिक
टीम में जेएनयू के वैज्ञानिकों के अलावा अमिटी यूनिवर्सिटी गुड़गांव, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग कोलकाता और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के वैज्ञानिक व डॉक्टर शामिल हैं।
वेब कनेक्ट पर जुड़ेंगे आईपीयू छात्र
छात्रों में पढ़ाई और भविष्य के प्लेसमेंट सहित कई अन्य तरह की शैक्षणिक चिंता के बीच आईपी यूनिवर्सिटी अपने छात्रों को वेब कनेक्ट पर जोडे़गी। मनोवैज्ञानिक डॉ. एमएनएल माथुर 14 मई को छात्रों से बात करेंगे। डीएसडब्ल्यू के डायरेक्टर प्रो. मनप्रीत कौर कांग ने बताया कि ‘कनेक्ट यूएसस’ एक वेब सीरीज है।
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