सरकार एक तरफ किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ किसानों को सिंचाई के लिए सामान्य (रूटीन) में ट्यूबवेलों के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। हालत यह है कि 6 साल में एक किसान को ट्यूबवेल का कनेक्शन मिल पाया है। जबकि 1658 किसानों ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। जिले के 1658 किसान 6 साल से ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए भटक रहे हैं। कुछ साल पहले किसान कनेक्शन फीस विभाग में जमा कर चुके हैं। इसी दौरान निगम की ओर से कुछ समय बाद कनेक्शनों पर रोक लगा दी गई।
दिसंबर 2018 में सीएम ने किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन जारी करने की घोषणा कर मार्च 2019 तक सभी को कनेक्शन देने का आश्वासन दिया था। लेकिन इस दौरान सरकार ने शर्त यह रखी थी कि किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। करीब 30 हजार रुपए की मोटर विभाग से खरीदनी होगी। किसानों की समस्या यहां भी कम नहीं हुई। इसके बाद निगम की ओर से प्रदेशभर में ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए बेंगलुरु की एक कंपनी को ठेका दे दिया गया।
ट्यूबवेल कनेक्शन की प्रक्रिया पर काम तेजी से चल रहा है
^किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया पर काम तेजी से चल रहा है। किसान परेशान न हों, लॉकडाउन खुलने के बाद किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन जारी कर दिए जाएंगे।
-नरेश कक्कड़, अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम
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