
लाॅकडाउन के दाैरान देशभर में बढ़ी घरेलू हिंसा काे लेकर दिल्ली हाई काेर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार काे नाेटिस जारी किया है। हाई काेर्ट के जस्टिस जेआर मिधा और ज्याेति सिंह की पीठ ने पूछा है कि सरकार ने घरेलू हिंसा राेकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
पीठ ने महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयाें से इसका जवाब 24 अप्रैल तक देने केे लिए कहा है। 25 अप्रैल काे सुनवाई हाेगी। स्वयंसेवी संस्था आल इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमन राइट्स, लिबर्टीज एंड साेशल जस्टिस ने इस याचिका में कहा है कि लाॅकडाउन के दाैरान घरेलू हिंसा बढ़ी है और इसमें काेर्ट काे सरकार काे कदम उठाने का निर्देश देना चाहिए। इससे पहले शुक्रवार काे दिल्ली सरकार ने काेर्ट काे बताया था कि लाॅकडाउन के दाैरान हेल्पालाइन नंबर 181 पर काल कम हुई हैं।
यह भी जानिए
हाई काेर्ट के नाेटिस के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है किघरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए देशभर में 50 से ज्यादा हेल्पलाइन की शुरू की गई है। इस हेल्पलाइन पर काेई भी काल कर शिकायत दर्ज करा सकता है। घरेलू हिंसा हेल्पाइन नंबर 181 है, जबकि पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1091 और 1291 है। कुछ अन्य हेल्पलाइन नंबर एनजीओ द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में पुणे जिला परिषद ने फैसला किया है किलाॅकडाउन के दाैरान घरेलू हिंसा के आराेपियाें काे क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस फैसले की तारीफ की है।
इधर, सुप्रीम काेर्ट वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करेगा
सुप्रीम काेर्ट ने कहा है कि लाॅकडाउन के दाैरान अब मौत की सजा और पारिवारिक कानूनों से जुड़े मामलाें की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जा सकती है। अपनी वेबसाइट पर शनिवार काे जारी नाेटिस में सुप्रीम काेर्ट ने कहा कि ऐसे मामलाें की सुनवाई चीफ जस्टिस एसए बाेबडे के निर्देश और पीठ की उपलब्धता के अाधार पर तय की जाएगी।
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