
नेबसराय इलाके में बीएएमएस डॉक्टर राजेन्द्र सिंह की मौत के मामले में पुलिस ने अभी आरोपी विधायक प्रकाश जारवाल समेत अन्य लोगों से कोई पूछताछ नहीं की। उन्हें नोटिस देकर जांच में शामिल करने से पहले पुलिस पहले अपने स्तर पर बारीकी से जांच कर साक्ष्य एकत्रित कर लेना चाहती है। ताकि बाद में उनकी गिरफ्तारी डालने में कोई परेशानी न हो। मामले में जलबोर्ड अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी, ताकि रुकी हुई बिल की पेमेंट और टैंकर हटाने के पीछे की असलियत का पता चल सके।
दावा: गिरफ्तारी से पहले साक्ष्य जुटाने में जुटी पुलिस
पुलिस सूत्रों का कहना है डॉक्टर राजेन्द्र सिंह का एम्स में पोस्टमार्टम होने के बाद उनका शव परिजनों के हवाले कर दिया। उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है। अभी केस शुरुआती दौर में है, इसलिए अभी विधायक प्रकाश जारवाल व उसके सहयोगी कपिल नागर को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस नहीं दिया गया है। यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, जब पुलिस को जरूरत होगी तो उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। फिलहाल अभी पुलिस की कोशिश यही है कि आरोप को वैरिफाई किया जाए और केस से सम्बंधित तमाम साक्ष्यों को एकत्रित कर लिया जाए। इस केस में पुलिस हरेक उस शख्स से पूछताछ करेगी जो डॉक्टर के संपर्क में था। बता दंे कि आत्महत्या के लिए उकसाने की धाारा गैर जमानती अपराध है। इस केस में आरोपी को जमानत कोर्ट से ही मिल सकती है।
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