
देसी घी खरीदते वक्त ज्यादा सतर्क रहें। ब्रैंड के नाम को ही न देखें, उसकी असलियत भी चेक करें। बड़े ब्रैंड के रैपर के अंदर आपको घटिया और मिलावटी घी बेचा जा रहा है। आउटर जिले की मंगोलपुरी थाना पुलिस ने नकली देसी घी से भरे एक टैंपों को पकड़ा है। नकली घी को टैंपों में भरकर सप्लाई करने के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस ने नीरज नामक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने टैंपों में से 15 कार्टन में 10 अमूल घी के टिन, 5 कार्टन में 30 टिन आधा किलोग्राम की पैकिंग के अमूल घी, 25 कार्टन मिल्क फूड घी के बरामद किए हैं।
पुलिस ने ट्रेडमार्क एक्ट, कॉपी राइट एक्ट के अलावा धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल इसकी जांच डिस्ट्रिक्ट इंटेलीजेंस यूनिट (डीआईयू) को सौंप दी गई है, जो जांच कर यह पता लगाएगी कि घी कहां पर बनकर तैयार होता है और इसकी सप्लाई चेन के मास्टरमाइंड कौन हैं। डीसीपी ए कॉन ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी नीरज मंगोलपुरी के ई-ब्लॉक का निवासी है। पुलिस ने आरोपी नीरज को डीआईयू को सौंप दिया है।
ऐसे पहचानें, आपका घी सही है मिलावटी
- एक चम्मच घी में 5 एमएल हाइड्रोक्लोरिक एसिड (एचसीएल) डालें। अगर घी लाल हो जाता है तो समझ जाएं कि घी में कोलतार डाई मिलाई गई है।
- एक चम्मच घी में चार-पांच ड्रॉप्स आयोडीन डालें। अगर इसका रंग नीला हो जाए तो समझ जाएं कि इसमें उबला आलू मिलाया गया है।
- बाउल में एक-एक चम्मच घी, एचसीएल और एक चुटकी चीनी मिलाएं। अगर घी का कलर चटक लाल दिखाई दे तो समझ जाएं कि इसमें डालडा मिला है।
- 100 एमएल घी में फरफ्यूरल और हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं। एल्कोहल भी मिक्स करें। दस मिनट बाद अगर इसका रंग लाल हो जाता है तो इसमें तिल्ली के तेल की मिलावट है।
- थोड़ा-सा घी लेकर हाथ में रब करें। इसे सूंघकर देखें। अगर कुछ ही देर में इसकी खुशबू आनी बंद हो जाए तो समझ जाएं कि यह मिलावटी है।
गाड़ी को कार्ड बोर्ड से ढक रखा था: डीसीपी
डीसीपी ने बताया बुधवार की रात मंगलोपुरी थाने के दोे पुलिसकर्मी इलाके में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान एक गाड़ी आती हुई दिखाई दी। गाड़ी कार्ड बोर्ड से ढका हुआ था। गाड़ी के आगे मूवमेंट पास भी नहीं दिखाई दिया। कॉन्स्टेबल सुनील मोगा और नवीन ने संदेह के आधार पर गाड़ी को रुकने का इशारा किया। लेकिन आरोपी ने पुलिस को देखते ही गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी का पीछा करके उसे रोका। पुलिसकर्मियों ने ड्राइवर से लॉकडाउन में जरूरी कागज मांगे तो उसके पास नहीं थे। ना हीं वो सवालों को ठीक से जवाब दे सका। माल का बिल भी नहीं दिखा सका। जब गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें बोरियों में सील घी के पैकेट रखे थे। पुलिसकर्मी यह समझ नहीं पाए कि घी के पैकेट में ऐसा क्या है जो ड्राइवर ने गाड़ी रोकने के बजाय लेकर भागने लगा। जांच करने पर गाडी में करीब 600 लीटर घी बरामद हुआ।
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